- वास्तुकला एवं योजना संकाय में तीन दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम का कला कार्यशाला के साथ समापन।
लखनऊ, 7 सितम्बर 2024 I पिछले तीन दिनों से वास्तुकला एवं योजना संकाय, डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय टैगोर मार्ग में ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस ओरिएंटेशन कार्यक्रम में वास्तुकला के प्रथम वर्ष के सभी छात्र छात्राओं ने भाग लिया। कार्यक्रम के तहत सभी छात्रों को वास्तुकला एवं दृश्यकला के विभिन्न माध्यमों की बारीकियों सहित अलग अलग विधाओं से रूबरू कराया गया।
भूपेंद्र कुमार अस्थाना ने बताया कि इस श्रृंखला में शनिवार को कला कार्यशाला का आयोजन हुआ। जिसमें टेराकोटा प्लेट (मिट्टी के बने तस्तरियों ) पर पेंटिंग, क्यूब आर्ट और मिनिमल आर्ट जैसे तीन विधाओं में कार्यशाला सम्पन्न हुई। कला शिक्षक विषय विशेषज्ञ के रूप में गिरीश पांडेय,धीरज यादव,रत्नप्रिया और शुभा त्रिपाठी ने तीनों माध्यमों में छात्रों को जानकारी दी और छात्रों से कलाकृतियां तैयार कराईं। कला विशेषज्ञों की उपस्थिति में वास्तुकला के प्रथम वर्ष के छात्रों ने इन तीनों कला माध्यमों में कलाकृतियों का सृजन किया।
इन छात्रों को तीन समूहों में विभाजित कर उन्हें अलग -अलग माध्यम में काम करने के लिए बताया गया। प्रथम समूह के छात्रों ने टेराकोटा प्लेट (मिट्टी से बनी तश्तरियों) पर सफेद रंग से चित्रों का निर्माण किया। वहीं दूसरे समूह के छात्रों ने लकड़ी से बने वर्गाकार आकृति पर ऐक्रेलिक रंगों से चित्र रचनाएँ की साथ ही कहीं कहीं स्टैंसिल माध्यम से भी चित्र उकेरे गए। तीसरे समूह के छात्रों ने कला के मिनिमिलिस्टिक आर्ट शैली पर आधारित चित्र रचे । इस विधा में न्यूनतम रंग,रेखा एवं आकार तथा वस्तुओं का प्रयोग करते हुए अधिक से अधिक भावनाओं की अभिव्यक्ति की जाती है। मिनिमल आर्ट के लिए छात्रों ने 10×12 इंच के कैनवस पर कुछ प्राकृतिक तत्वों पेड़ो की छोटी छोटी टहनियाँ, फूल,पत्तियों,मिट्टी आदि को चिपकाकर कृतियाँ तैयार की।
इस दौरान छात्रों ने कैनवस,टेराकोटा, लकड़ी जैसे माध्यमों पर रंगीन रंग रेखाओं से भावनाओ की स्वछंदता को आकार प्रदान करना सीखा। सभी छात्र छात्राओं ने बड़े ही तन्मयता, रुचि, उत्साह व उमंग के साथ इस कला कार्यशाला में भागीदारी की। संस्था के कला शिक्षक व मूर्तिकार श्री गिरीश पांडेय एवं चित्रकार श्री भूपेंद्र कुमार अस्थाना, धीरज यादव, रत्नप्रिया व शुभा त्रिपाठी ने इस कार्यक्रम का कुशलतापूर्वक संचालन किया। प्रथम वर्ष के छात्र छात्राओं का कहना था कि आज का पूरा दिन कला सृजनात्मक और उत्साहपूर्ण रहा। वास्तुकला एवं योजना संकाय की अधिष्ठाता डॉ. वंदना सहगल और विभागाध्यक्ष प्रो. रितु गुलाटी ने इस कला कार्यशाला में प्रथम वर्ष के छात्रों द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा की और कहा कि इस प्रकार के कार्यशालाओं से सृजनात्मक क्षमता का विकास होता है।
– भूपेंद्र कुमार अस्थाना
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