बिहार म्यूजियम के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह द्वारा न्यूज़ लेटर का विमोचन

पटना, 19 अप्रैल। बिहार संग्रहालय, पटना द्वारा प्रकाशित न्यूज लेटर का विमोचन आज संग्रहालय के कांफ्रेंस हॉल में किया गया। लोकार्पण समारोह में आये अतिथियों का स्वागत करते हुए संग्रहालय के अपर निदेशक अशोक कुमार सिन्हा ने कहा कि हिन्दी एवं अंग्रेजी दोनों भाषाओं में इस न्यूज लेटर को प्रकाशित किया गया है। इस न्यूज लेटर के माध्यम से संग्रहालय में हुए कार्यक्रमों की जानकारी के साथ-साथ आगे के कार्यक्रमों के बारे में भी सूचना दी जाएगी। न्यूज लेटर का लोकार्पण करते हुए संग्रहालय के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह ने कहा- ‘‘बिहार संग्रहालय की यह एक शानदार पहल है। जैसा कि आप जानते है, बिहार संग्रहालय भारत के श्रेष्ठ संग्रहालयों में से एक है। बिहार की विरासत को समेटे पटना के इस संग्रहालय का उद्घाटन वर्ष 2015 में हुआ था। यहाँ 10000 (दस हजार) वर्षों के संरक्षित एवं संग्रहित विरासत से आप साक्षात्कार कर सकते हैं। यहां प्रवासी बिहारी परम्परागत कला, लोककला, समकालीन कला की भी गैलरी अतुलनीय है। बिहार संग्रहालय ने संग्रहालय की एक नयी परिभाषा गढ़ी है। आज संग्रहालय ऐतिहासिक महत्व की कलाकृतियों का मात्र संग्रह ही नहीं करता, वरन वह इन्हें देखने का नजरिया भी विकसित करता है। इस न्यूज लेटर का प्रकाशन प्रत्येक तीसरे महीने किया जाएगा।

मीडियाकर्मियों को संबोधित करते बिहार म्यूजियम के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह

श्री सिंह ने आगे कहा कि आज संग्रहालयों की भूमिका काफी बदल चुकी है। एक समय था जब संग्रहालय का मतलब होता था, एक ऐसी जगह जहाँ ऐतिहासिक और पुरातात्विक सामग्रियों को देखा जा सकता है। किंतु बिहार संग्रहालय को हमलोग एक संपूर्ण सांस्कृतिक केन्द्र के तौर पर विकसित करने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं। जहाँ पारम्परिक कला, लोक कला, समकालीन कला, नाटक, संगीत, वृतचित्र जैसे विषयों पर कार्यक्रम नियमित तौर पर आयोजित किए जाएं। आज दुनिया के अनेक देशों में क्रिएटिव इंडस्ट्री कनसेप्ट पर काम हो रहा है। बिहार जैसे राज्य में इस क्षेत्र में रोजगार की संभावना बहुत अधिक है। मसलन मिथिला चित्रकला का एक उदाहरण आज हमारे सामने हैं। हम सभी इस बात से भलीभांति अवगत हैं कि इस विधा में आज हजारों परिवार को रोजगार मिल रहा है। यह एक असंगठित क्षेत्र है, इसके बावजूद अब जीडीपी में इसके योगदान को शामिल किया जा रहा है। एक अन्य उदाहरण के तौर पर किलकारी संस्था का जिक्र करना चाहूंगा। विदित हो कि आज इसके माध्यम से प्रशिक्षित कई बच्चे, बतौर बाल कलाकार टीवी सीरियल, नाटक एवं फिल्मों में काम कर रहे हैं।

हमारे इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि आज बिहार संग्रहालय की चर्चा देश-विदेश में हो रही है। इसको इस बात से समझा जा सकता है कि जब हमने पहले म्यूजियम बिनाले का आयोजन किया था। तब आठ देशों ने इसमें भाग लिया था। वहीं इस बार 7 अगस्त से आयोजित होने जा रहे म्यूजियम बिनाले में 30 देश भाग लेने जा रहे हैं। बिहार संग्रहालय द्वारा इस न्यूज लेटर को देश-विदेश के सभी संग्रहालयों, पुस्तकालयों, विश्वविद्यालयों एवं प्रमुख कला संस्थानों तक पहुंचाया जाएगा। इसके लिए हम अपने वेबसाइट के साथ-साथ सोशल मीडिया का उपयोग करेंगे। इस पत्रकार वार्ता में स्थानीय मीडिया प्रतिनिधियों के साथ-साथ सुप्रसिद्ध पत्रकार श्रीकांत, लेखक एवं साहित्यकार अरूण सिंह, समाजसेवी डॉ. बी.एन. विश्वकर्मा और कला लेखक सुमन कुमार सिंह, फोटोग्राफर शैलेन्द्र कुमार एवं वरिष्ठ कलाकार अर्चना सिन्हा उपस्थित थे।

अशोक कुमार सिन्हा
अपर निदेशक
बिहार संग्रहालय, पटना

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