पटना, 11 मार्च, 2023। बिहार म्यूजियम, पटना के सभाकक्ष में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बिहार के लोक एवं समकालीन महिला कलाकारों की कलाकृतियों की ‘हर महिलाः कुछ खास’ शीर्षक समूह प्रदर्शनी का शुभारम्भ माननीय मंत्री, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार जीतेन्द्र कुमार राय के द्वारा किया गया। बिहार की लोककला एवं समकालीन कला के कुल बयालिस महिला कलाकारों की कृतियों की यह प्रदर्शनी 10 अप्रैल, 2023 तक जारी रहेगी, प्रदर्शनी के दौरान आम दर्शकों के लिए प्रवेश निःशुल्क रहेगा। आज के इस उद्घाटन समारोह में पद्मश्री से सम्मानित गोदावरी दत्त, बौआ देवी, दुलारी देवी, सुभद्रा देवी, ब्रहमदेव राम पंडित और श्याम शर्मा ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज करायी। इस प्रदर्शनी में लोककला की विभिन्न विधाओं यथा मिथिला (मधुबनी) पेंटिंग, पेपरमेसी, मंजूषा पेंटिंग, टिकुली पेंटिंग, सुजनी शिल्प, एप्लिक, कशीदाकारी, सिक्की कला और समकालीन कला के नामचीन महिला कलाकारों की कृतियाँ प्रदर्शित की गयी हैं ।

इस प्रदर्शनी की विशेषताओं की बात करें तो यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि कला में 1970 में राष्ट्रिय पुरस्कार एवं 1975 में पद्मश्री से सम्मानित होने वाली पहली महिला कलाकार स्व० जगदम्बा देवी की मिथिला पेंटिंग शैली के चित्रों की भी यह पहली प्रदर्शनी है। उनके दस चित्र यहाँ प्रदर्शित हैं। प्रदर्शनी के दौरान कार्यशालाओं का भी आयोजन किया गया है। इसके तहत 11 एवं 12 मार्च , 2023 को मिथिला (मधुबनी) पेंटिंग पर कार्यशाला आयोजित है जिनमें किलकारी, रेनवो होम्स और आशादीप स्कूल के करीब सौ छात्र छात्राएं शामिल होंगी। बिहार संग्रहालय के सौजन्य से इन्हें पद्मश्री से सम्मानित कलाकारों द्वारा पेंटिंग सीखने का सुअवसर उपलब्ध कराया गया है। 18 एवं 19 मार्च, 2023 को समकालीन कला की कार्यशाला आयोजित होगी जिसमें कला एवं शिल्प महाविद्यालय, पटना के सौ छात्र छात्राएं शामिल होंगी।

उद्घाटन समारोह की शुरूआत अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। दीप प्रज्ज्वलन के पूर्व बिहार संग्रहालय के अपर निदेशक अशोक कुमार सिन्हा ने सभी आगत अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने अपने स्वागत संबोधन में इस सारस्वत आयोजन के औचित्य को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि महिलाएं आदिकाल से कलाओं की संरक्षिका के रूप में कार्य करती रही हैं और अनवरत कला सृजन में संलग्न भी रहीं हैं। इन विशिष्ट कलाकारों की कृतियों को आम लोगों के लिए प्रदर्शित कर बिहार संग्रहालय महिला दिवस को एक नये रूप रंग में सेलिब्रेट कर गौरवान्वित हो रहा है। श्री सिन्हा कुछ विशिष्ट कलाकारों से जुड़े अनछुए संस्मरणों का भी उल्लेख किया।

आज के इस आयोजन में प्रदर्शनी के कैटलाॅग का भी विमोचन किया गया जिसका आवरण चित्र अनुप्रिया ने बनाया है। कार्यक्रम के दौरान सुभद्रा देवी ने अपने संबोधन में अपनी कला यात्रा का उल्लेख करते सभी का आभार जताया। दुलारी देवी ने भी सभी को अपना आर्शीवाद देते हुए कहा कि यहाँ आना उनके लिये अपार खुशी का अवसर है। गोदावरी दत्त ने कहा कि पहले केवल विवाह आदि मांगलिक अवसरों पर जो चित्रांकन परंपरा थी उसे हम सभी ने न केवल अपने मिथिला समाज, वरन पूरे विश्व के सामने उजागर एवं प्रस्तुत किया। बौआ देवी ने भी सभी को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार म्यूजियम के महानिदेशक का हम सभी कलाकारों को आगे बढ़ाने में बहुत-बहुत योगदान रहा है और हम उनका आभार प्रकट करते हैं।

कला, संस्कृति एवं युवा विभाग की सचिव वंदना प्रेयषी ने कहा कि आज का आयोजन उनके जीवन का बहुत ही अविस्मरणीय दिवस के रूप में अंकित रहेगा। उन्होंने विशेष रूप से संग्रहालय के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह के योगदान को रेखांकित किया, साथ ही अपने विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों की चर्चा करते हुए आगामी योजनाओं का भी उल्लेख किया।

बिहार संग्रहालय के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि आज का कार्यक्रम बिहार की महिला कलाकारों की ताकत के साथ उनकी कला के विरासत को दर्शाने का एक रचनात्मक प्रयास है। उन्होंने यह भी कहा कि इन महिला कलाकारों की कला यात्रा की खूबसूरती की पृष्ठभूमि में जो उनका सघन संघर्ष रहा है, इसे भी देखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इन विशिष्ट कलाकारों से कार्यशाला में नयी पीढ़ी को प्रशिक्षित कर उन्हें कला से जोड़ा जा रहा है।
कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री जीतेन्द्र कुमार राय ने इस आयोजन को आज के लिए एक महती कार्यक्रम बताया। उन्होंने कहा कि हमारी ये महिला कलाकार हमारे लिए गर्व हैं। बिहार म्यूजियम के द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम आगे भी अपना क्रम जारी रखे, इसके लिए हमारा सहयोग जारी रहेगा।

उद्घाटन कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन अपर निदेशक अशोक कुमार सिन्हा द्वारा किया गया।
श्रोत : बिहार म्यूजियम द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति