- इटली के मूर्तिकार ब्रूनो वालपोथ एवं उनके कुछ मूर्तिशिल्प। माध्यम: वुड कार्विंग।

पारम्परिक तौर पर लकड़ी के मूर्तिकारों के परिवार से आने वाले, ब्रूनो वालपोथ सदियों पुरानी पुश्तैनी परंपरा का सम्मान करते हुए 21 वीं सदी के लिए इसे आधुनिक बनाते हैं। या कहा जाये कि पारम्परिक मूर्तिशिल्प की इस परंपरा को आधुनिकता का जामा पहनाते हैं। वालपोथ लकड़ी के ब्लॉकों से आदमकद मानव आकृतियों को उकेर कर उसके ऊपर ऐक्रेलिक पेंट का इस्तेमाल करते हैं। वह लकड़ी के स्वाभाविक प्रभाव को पारभासी, त्वचा जैसे आभास में बदलते हैं। गोथिक और प्रारंभिक पुनर्जागरण इतालवी लकड़ी की मूर्तिकला से प्रेरणा लेते हुए, वालपोथ अपनी कलाकृतियों में मानव संवेदनशीलता को उभारते हैं। अपनी प्रत्येक कलाकृति के माध्यम से वे एक पूरी कहानी बताने के बजाय एक क्षण को कैद करने का विकल्प चुनते हैं।

ब्रूनो वालपोथ (1959 में ब्रेसनोन इटली में जन्म।) वर्तमान निवास एवं स्टूडियो ओर्टिसी, ट्रेंटिनो ऑल्टो-अडिगे, इटली । वालपोथ ने अपने दादा-दादी और चाचा के स्टूडियो में अपना आरंभिक प्रशिक्षण शुरू किया। हालाँकि औपचारिक कला प्रशिक्षण 1973 में शुरू हुआ जब उन्होंने ओर्टिसी में विन्सेन्ज़ो मुस्नर के अधीन काम किया। 1978 में वे डेर बिल्डेंडे कुन्स्टे अकादमी में भाग लेने के लिए म्यूनिख चले गए जहाँ उन्होंने 1984 तक प्रोफेसर हैंस लाडनर के साथ अध्ययन किया।
वह अपने स्टूडियो में लाइव मॉडल्स के साथ काम करते हैं। यहाँ कलाकार का लक्ष्य उस क्षण को अमर करना होता है जब मॉडल अपने विचारों को त्याग देता है और बस वह वहां होता है, महज एक आकृति के रूप में बिना किसी विचार या चिंता के। उनकी कलाकृतियां दर्शकों की आंखों को अपनी ओर बरबस आकर्षित करती हैं। यूं तो लकड़ी में अपनी मूर्तियों के लिए उन्हें सबसे व्यापक रूप से जाना जाता है, किन्तु वालपोथ ने हाल ही में कार्डबोर्ड और कांस्य में भी मूर्तियां बनाई हैं। कई एकल प्रदर्शनियों और संग्रहालय द्वारा आयोजित प्रदर्शनियों में भाग लेने के बाद, वालपोथ के कार्यों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। 2015 में, उन्होंने 56 वें वेनिस बिनाले के संयोजन में “Personal Structures – Crossing Borders” शीर्षक आयोजन में प्रतिभाग किया।
