प्रकृति के प्रति अति संवेदनशील चित्रकार किशोर कुमार कहते हैं कि आज के समय में प्राकृतिक रूप से सबसे अधिक प्रकृति को सुरक्षित करने का संकट गहराता जा रहा है, और किसी भी प्रकृति प्रेमी के लिए, चाहे वह पर्यावरण संरक्षक हो, उसके लिए प्रकृति को सुरक्षित रखना बड़ी चुनौती होती जा रही है। ऐसे में जब यह कलाकार अपनी इस अनुभूति को रचनात्मकता के साथ तथा प्रकृति और मनुष्य के संबंधों की प्रगाढ़ता को चित्रण के माध्यम से अभिव्यक्त करने का प्रयास करे तो कलाकार की अंर्तवेदना का भाव उसकी कृतियों में आना स्वाभाविक है। ‘The enchanted forest ‘ शीर्षक की पेंटिंग श्रृंखला में कलाकार किशोर कुमार के मूर्त चित्रों और रंगों का अद्भुत प्रयोग कृतियों में प्रकृति के शांत व सुखद वातावरण के भाव का अहसास कराती हैं। प्रकृतिवादी, चिंतन की वह विचारधारा है जो प्रकृति को मूल तत्त्व मानती है, इसी मूल तत्व को कलाकार ने अपने चित्रों में रंगों के कलात्मकता प्रयोग से अपनी रचनात्मक शैली में चित्रित किया है। उभरते कलाकार किशोर कुमार प्रकृति से मानव संबंधों की ऊष्मा को जीवित रखने का प्रयास करने वाले कलाकार हैं।
यह चित्रकार मात्र स्टूडियो में बंद रह कर काम करने वाले कलाकार नहीं हैं। वह गांवों, कस्बों, पहाड़ों, जंगलों आदि में प्रकृति के नजदीक रह कर वहां के वातावरण आदि के प्रति संपृक्ति रखते हैं। चित्रकार का सृष्टि की व्यापकता को कला की व्यापक दृष्टि से यूं देखना, प्रकृति संरक्षण का बोध कराती है। उनसे बात करने पर वह भावुक हो जाते हैं, और कहते हैं कि प्रकृति से मानव का संबंध बहुत खूबसूरत होता है, इन्हें सहेज कर रखने की बड़ी जरूरत है। ये संबंध ही हैं जिन्होंने पत्थरों, शिलाओं, नदियों को पुजवाया है, और पहाड़ों तथा समुद्रों को प्राण दिए हैं।
कलाकार किशोर ने अपनी कृतियों के बहाने जिस संवेदनशील दृष्टि के साथ प्राकृतिक तत्वों की कलात्मक अभिव्यक्ति का चित्रण किया है, और प्रकृति के विभिन्न संदर्भों को जिस कलात्मकता से अपने कैनवास पर उकेरा है, वह प्रशंसनीय है। यह प्रकृति से उनकी निकटता को दर्शाता है। चित्रों में कलाकार की सामर्थ्य का पता चलता है, साथ ही उनके सृजन जगत का आभास भी होता है। सच है कि प्रकृति को चित्रित करने से मात्र प्रकृति नहीं बनती, लेकिन किसी कलाकार की रचनाओं में प्रकृति थके-मांदे जीवन में नई उमंग और नई प्रेरणा भर दे तो उसका निर्माण कलाकृति की महत्ता का बोध कराता है। निर्जीव और निश्चिंत जीवन में प्रकृति के महत्त्व को चित्रकार किशोर कुमार अच्छे से महसूस करते हैं। एकांत में इन पेंटिंग को निहारने के बाद कलाकार के प्रकृति प्रेम की रचनात्मक छवि मन में अंकित हो जाती है, जैसे किसी चित्रकार ने मन में डेरा जमा लिया है।
मूर्त चित्रों में रंगों की भाषा, प्रकृति के सौंदर्यात्मक वर्णन की एक पूरी किताब के क्रम में लगती है। ऐसा लगता है कि किशोर अपनी स्मृतियों की कहानी सुना रहे हैं, जहां कोई योगी अपने तप का और कवि, लेखक, चित्रकार और आम जन इस शांत वातावरण में अपनी मौजूदगी का सुखद अहसास करते हैं। चित्र श्रृंखला में परत दर परत प्राकृतिक छटा से दृश्य को सौंदर्य रूप दिया गया है। छोटे व बड़े आकारों के कैनवस में पौधों के परिदृश्य से बाहर निकाल कर उन्हें केंद्रित करते हुए अपनी नई पेटिंग श्रृंखला ‘The enchanted forest’ द्वारा जंगलों और पहाड़ों को कलाकृतियों में पृष्ठभूमि,आकर्षक रूपांकन और रंग संयोजन तथा समृद्ध रचनात्मक सोच से चित्रित किया है।
चित्रकार के कैनवस में विभिन्न रंगों के साथ-साथ परिदृश्य का एक कलात्मक रूप भी है, जिसमें हरे-भरे पेड़ों, कई रंगों से भरी फूलों की वादियों के आस-पास मानसूनी बादल सा अहसास भी होता है। यह संवेदनात्मक दृश्य, अभिव्यक्ति के साथ चित्रों में दिखाई पड़ता है। चित्रकार किशोर कुमार की कलाकृतियां रंगों के विविध और सूक्ष्म प्रयोग से आकर्षक लगती हैं। विविध रंगों के सतुंलित मिश्रण और टैक्चर के प्रयोग से पेंटिंग में जीवंतता आई है। कलाकार के अथाह और अनन्त मन की सौन्दर्यात्मक अभिव्यक्ति, शैली और तकनीक दृष्टि प्रकृति के नजदीक होने का आनन्द देती है।
-जय त्रिपाठी
वरिष्ठ कला लेखक और कलाकार