रविवार को बटोही प्रदर्शनी में कला संवाद में शामिल हुए कई कलाकार। छात्रों ने भी की कला चर्चा
“बटोही” शीर्षक कला प्रदर्शनी का आयोजन कला एवं शिल्प महाविद्यालय, लखनऊ के अंतिम वर्ष के छात्रों के द्वारा किया गया हैI यह आयोजन “कला स्रोत आर्ट गैलरी” में की गई है। बटोही के दूसरे दिन वरिष्ठ कलाकार प्रो. उमेश कुमार सक्सेना का डेमोंस्ट्रेशन हुआ और उन्होंने प्रतिभागियों के साथ कला चर्चा की। साथ ही संध्या समय देश के वरिष्ठ कलाकार प्रो. जय कृष्ण अग्रवाल ने भी प्रदर्शनी का अवलोकन किया। अवलोकन के दौरान उन्होंने प्रत्येक कलाकार से उनकी कलाकृतियों पर बात की। श्री अग्रवाल ने अपने जीवन में कला के क्षेत्र के लंबे अनुभवों को साझा किया। सभी छात्र कलाकारों ने अपने-अपने प्रश्न भी रखे जिसका बड़े ही सरल तरीके से श्री अग्रवाल ने उत्तर दिया और सभी को संतुष्ट किया। उन्होंने कहा कि एक कलाकार के लिए बहुत जरूरी है कि वह अपनी बौद्धिक क्षमता को बढ़ाये। इससे उसके कला अभिव्यक्ति में निखार आएगा और उसके सृजनात्मक क्षमता का भी विकास होगा। साथ ही कलाकार की परिपक्वता को दर्शाएगी। उन्होंने संवाद के दौरान कला जगत के कई महत्वपूर्ण कलाकारों के बारे में भी चर्चा की I मातिस,कंदासकी, वानगाग, पिकासो इत्यादि। उन्होंने हाल ही में हुए कला एवं शिल्प महाविद्यालय में हुई डोगरा कास्टिंग की कार्यशाला के दौरान बने हुए छात्र और छात्राओं के काम की सराहना की।
उन्होंने कहा कि हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं को सदैव याद रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अपने कला महाविद्यालय के इतिहास को अवश्य जानना चाहिए। अपने कला गुरुओं एवं उनकी कृतियों से भी परिचित होना जरूरी है। कलाकृतियों के अवलोकन के दौरान सभी नवोदित कलाकार छात्रों के कार्यों की सराहना करते हुए आगे और बेहतर कार्य करने के लिए मार्गदर्शन भी किया।
इस दौरान प्रदर्शनी के समस्त प्रतिभागी कलाकारों के साथ प्रदर्शनी समन्वयक संजय राज, प्रशांत चौधरी, भूपेंद्र अस्थाना, धीरज यादव, समर्थ नारायण, मूर्तिकार दिनेश, मनीषा श्रीवास्तव, मनीषा कुमारी सहित बड़ी संख्या में कला प्रेमी दर्शक मौजूद रहे। ज्ञातव्य हो कि यह प्रदर्शनी 9 अप्रैल तक प्रातः 11 बजे से सायं 7 : बजे तक दर्शकों के अवलोकन हेतु उपलब्ध रहेगी।