साहित्य अकादेमी सभागार, नई दिल्ली से आज दिनांक 11 नवंबर से विश्वरंग 2022 की शुरुआत हो गई। कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत टैगोर यूनिवर्सिटी, भोपाल के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे द्वारा दीप प्रज्वलन से की गयी। इससे पूर्व लोकेश आनंद एवं उनके साथियों द्वारा शहनाई वादन प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे साहित्य अकादेमी के उपाध्यक्ष माधव कौशिक। साथ ही बतौर विशिष्ट अतिथि सुश्री नासिरा शर्मा, श्री लीलाधर मंडलोई, सुश्री अनामिका, श्री अशोक भौमिक, श्री विनोद भारद्वाज एवं श्री मुकेश वर्मा । इस अवसर पर वरिष्ठ कलाकार ए रामचंद्रन के मोनोग्राफ़ का विमोचन भी हुआ। 260 पेज के इस मोनोग्राफ़ के लेखक हैं हम सबके आदरणीय विनोद भारद्वाज जी। अपने वक्तव्य में विनोद भरद्वाज ने इस प्रकाशन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा- कला में जितनी भी अच्छी पुस्तकें आज उपलब्ध हैं; वे सभी कला की देवभाषा अंग्रेजी में ही हैं । हिंदी में उपलब्ध पुस्तकों की बात करें तो उसकी प्रस्तुति और छपाई साधारण स्तर की ही होती है। यह पहली बार है कि हिंदी भाषा की किसी पुस्तक को इतने अच्छे ढंग से प्रस्तुत किया गया है।

इससे पूर्व 10 नवंबर की संध्या में संतोष चौबे, अशोक भौमिक एवं विनोद भारद्वाज द्वारा ए. रामचंद्रन को पुस्तक सौंपी गयी थी। इस मौके पर अपने उद्गार में रामचंद्रन ने कहा था – कला विषयक किसी पुस्तक के लिए आवश्यक है कि इसकी छपाई अच्छे स्तर की हो। क्योंकि अगर किसी पुस्तक में कलाकृतियों के चित्र सही ढंग से प्रकाशित न हो, तो उस पुस्तक की महत्ता अपने आप कम हो जाती है। दरअसल पुस्तक का महत्व तभी है जब कलाकृतियों का रिप्रोडक्शन बढ़िया हो । बताते चलें कि रवींद्र नाथ टैगोर यूनिवर्सिटी , भोपाल द्वारा इसे प्रकाशित किया गया है।

इसी कड़ी में मुगल काल के कलाकार नैनसुख, कलागुरु बीरेश्वर भट्टाचार्य एवं वरिष्ठ कलाकार अफजल पर प्रकाशित मोनोग्राफ़ का विमोचन भोपाल में होना तय है। मोनोग्राफ़ की इस शृंखला के संपादक हैं वरिष्ठ कलाकार एवं लेखक अशोक भौमिक जी। बहरहाल टैगोर यूनिवर्सिटी परिवार सहित सभी साथियों को बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार। साथ में इन पुस्तकों के लेआउट डिजाइन के लिए कलाकार मित्र विजेंद्र विज भी विशेष बधाई के पात्र हैं।

