खाली कारतूस और पुतिन का व्यक्तिचित्र

पिछले दिनों विभिन्न सोशल मीडिया साइट पर एक तस्वीर वायरल हुयी। रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के इस व्यक्तिचित्र के बारे में यह दावा भी सामने आया कि इसे मौजूदा रूस यूक्रेन युद्ध के दौरान बनाया गया है। दावा तो यह भी है कि एक यूक्रेनी कलाकार ने यूक्रेनी मोर्चे से संग्रहित कारतूसों की खोल से इसे बनाया है। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स के अनुसार, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का यह व्यक्ति चित्र फरवरी के अंत में यूक्रेन पर आक्रमण की प्रतिक्रिया के तौर पर बनाया गया है । और इसका शीर्षक दिया गया है “युद्ध का असली चेहरा”। यह पोस्ट जिस तेज़ी से वायरल हुआ, उसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 12 मार्च 2022 को जब यह पोस्ट सामने आया तो उसके चार दिन बीतते-बीतते इस तस्वीर को 5,000 से अधिक बार साझा किया गया। जबकि इससे पहले 2015 में यह चित्र सामने आ चूका था, तब भी इसे काफी चर्चा मिली थी। किन्तु इस बार तो मामला पहले से काफी ज्यादा चर्चित हो गया।

तो इस मौजूदा चित्र की सच्चाई यही है कि इसे 2015 में यूक्रेनी कलाकार जोड़ी द्वारा बनाया गया था, एक साल पहले यानी 2014 में हुए डोनबास संघर्ष के दौरान युद्ध की अग्रिम पंक्तियों से जुटाए गए खली कारतूस की मदद से। इसे यूक्रेनी कलाकार डारिया मार्चेंको ने तब लगभग 5,000  खाली कारतूसों से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का लगभग सात फुट लंबा यह चित्र बनाया था और नाम दिया था ‘ द फेस ऑफ वॉर’। “इस चित्र या कलाकृति के साथ एक ही कमरे में सोना पहली बार में थोड़ा डरावना था,” मार्चेंको ने तब ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन के माध्यम से एएफपी को यह बताया था। दरअसल यह चित्र  “युद्ध के पाँच तत्व” नामक उनकी कलाकृतियों की श्रृंखला का पहला चित्र है।

इस 33 वर्षीय कलाकार और ग्राफिक डिजाइनर ने एएफपी को तब बताया था, “मेरे लिए, यह युद्ध अन्य युद्धों से अलग है क्योंकि यह सरासर झूठ पर आधारित है।” यह अलग बात है कि दूसरी तरफ पुतिन के प्रशंसकों,  जिनमें रूसी कलाकार भी शामिल हैं, के द्वारा तब रूस द्वारा क्रीमिया पर कब्ज़े का समर्थन भी किया गया था। ऐसा नहीं है कि मार्चेंको पुतिन की आलोचना करने वाली कोई पहली कलाकार हैं, इससे पहले एक गुमनाम लातवियाई कलाकार ने पुतिन की कठपुतली को सूली पर चढ़ा दिया था। बहरहाल मार्चेंको ने यूक्रेनी संघर्ष की अग्रिम पंक्तियों पर जाकर व्यक्तिगत कहानियों की एक पुस्तक भी संकलित की है, जिसमें उन लोगों के साक्षात्कार भी शामिल हैं जिन्होंने इस कलाकृति को बनाने के लिए कारतूस के खोल इकट्ठा करने में उनकी मदद की थी। डारिया का कहना है कि “दुनिया को इस बात का एहसास नहीं है कि मेरे देश ने कितना खोया है।”

“Daniel is the brain, I’m more fond of optical illusions and making the pieces look unusual,” Marchenko said.

इस विशाल कलाकृति के निर्माण में सहभागी रहे डारिया के साथी कलाकार डैनियल ग्रीन ने कहा था -“इस युद्ध के ज़रिये रूस ने हमें पुराने यूएसएसआर में शामिल करने की कोशिश की, यह दरअसल लोकतंत्र और अधिनायकवाद के बीच की रेखा थी।” ग्रीन ने तब यह भी कहा था कि इस लड़ाई में उनके कई दोस्त मारे गए। कतिपय इसी कारण से उन्होंने प्रतीक के तौर पर युद्ध में खर्चे गए कारतूस को जरिया बनाया। ग्रीन ने आगे कहा “मैं अपने देश के लिए मरने के लिए तैयार हूं लेकिन मैं अपने देश के लिए मारने के लिए तैयार नहीं हूं, संस्कृति मशीन गन से भी बड़ा हथियार है।”

इस कलाकृति के निर्माण के लिए इस जोड़ी ने फरवरी 2015 में पुतिन के चित्र पर काम करना शुरू किया। शुरुआत में, ये खाली कारतूस उनके दोस्तों के नेटवर्क से आईं, जिन्होंने युद्ध में भाग लिया था। यह कलाकार जोड़ी लगभग छह महीने से इस कलाकृति पर काम कर रहे थे, जब उनके एक दोस्त ने इसकी एक तस्वीर ली और इसे फेसबुक पर पोस्ट कर दिया। हालाँकि मार्चेंको तब इस बात के लिए तैयार नहीं थी लेकिन उसके दोस्त की इस फेसबुक पोस्ट पर ज़बरदस्त प्रतिक्रिया सामने आयी। परिणाम यह हुआ कि कुछ ही दिनों में, दुनिया भर के समाचार प्रतिनिधि यूक्रेन में उनकी एक कमरे वाली इस स्टूडियो पर आ धमके, और फिर इससे जुड़े समाचार और प्रतिक्रियाएं दुनिया भर से आने लगीं। मार्चेंको कहती हैं “हमने अपने इस काम का बिल्कुल भी विज्ञापन नहीं किया, क्योंकि पहले हम पूरी ईमानदारी से इसे पूरा करना चाह रहे थे।”

डारिया मार्चेंको कीव, यूक्रेन की रहने वाली हैं, उन्होंने कीव नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड डिज़ाइन से स्नातक किया। उनकी कलाकृतियों को यूक्रेन, पश्चिमी यूरोप और मध्य पूर्व में प्रदर्शित किया गया है। एक सफल व्यावसायिक कलाकार, सुश्री मार्चेंको को यूक्रेन में सार्वजनिक कला के पैरोकार के तौर पर तीस से अधिक देशों में आंतरिक और बाहरी दीवारों पर  भित्ति चित्रों के निर्माण के लिए जाना जाता है। वहीँ डारिया के साथी डैनियल ग्रीन भी यूक्रेन में जन्मे चित्रकार, मूर्तिकार और इंस्टालेशन आर्टिस्ट हैं। वे कीव स्टेट सेकेंडरी आर्ट स्कूल ऑफ़ पेंटिंग से स्नातक हैं, और यूक्रेन के प्रोफेशनल यूनियन ऑफ़ आर्टिस्ट्स के सदस्य हैं। उन्होंने यूक्रेन और विदेशों में कई समूह और एकल प्रदर्शनियों में भागीदारी निभाई है।

बताते चलें कि जनवरी 25 से 4 फरवरी 2018 तक के लिए “युद्ध के पाँच तत्व” शीर्षक इस प्रदर्शनी का आयोजन न्यूयॉर्क के मेनहट्टन स्थित यूक्रेनियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ अमेरिका की दीर्घा में हुआ था। जिसमें यूक्रेनी कलाकार-कार्यकर्ता डारिया मार्चेंको और डैनियल ग्रीन द्वारा मल्टीमीडिया कलाकृतियों के जरिये रूसी सैन्य आक्रमण के परिणामों पर अपनी आलोचनात्मक टिप्पणी और प्रतिक्रिया दर्शायी गयी थी। यह तब पूर्वी यूक्रेन में चल रहे सैन्य संघर्षों में रूस की भूमिका को ध्यान में रखकर इसे तैयार किया गया था। इस प्रदर्शनी में भी सात फुट ऊंचा “युद्ध का चेहरा” (2015) शीर्षक पुतिन का यह व्यक्ति चित्र विशेष चर्चा में रहा था। इस चित्र के अलावा जो अन्य कलाकृतियां यहाँ प्रदर्शित थीं, उनके शीर्षक थे  “युद्ध का मस्तिष्क,” “युद्ध का मांस,” “युद्ध का हृदय,” और “सम्मान।”

 

-सुमन कुमार सिंह

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