ताशकंद, उज़्बेकिस्तान में 24 अक्टूबर को ताशकंद में समकालीन कला के नौवें ताशकंद अंतर्राष्ट्रीय द्विवार्षिकी का भव्य उद्घाटन हुआ। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए दुनिया भर से कला एवं संस्कृति जगत के अनेक महत्वपूर्ण हस्तियों को आमंत्रित किया गया। बिहार म्यूजियम, पटना के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह भी इस कार्यक्रम में आमंत्रित हैं। यहाँ उन्होंने बिहार म्यूजियम, पटना से संबंधित प्रस्तुति दी एवं वैश्विक परिपेक्ष्य में भारतीय कला पर अपना व्याख्यान भी दिया। उज़्बेकिस्तान के पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत मंत्रालय के सहयोग से कला अकादमी द्वारा 2022 – “मानवीय गरिमा और सामुदायिक सक्रियता के सम्मान का वर्ष” को समर्पित इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए उज़्बेकिस्तान के पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत के उप मंत्री नुसरतिला ज़िक्रिलाव ने उप प्रधान मंत्री – पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत मंत्री अजीज अब्दुखाकिमोव का यह बधाई सन्देश पढ़ा। “नौवें ताशकंद इंटरनेशनल बिनाले को कला के विकास को प्रभावित करने वाले नए विचारों और आशाजनक सिद्धांतों का समर्थन करने के लिए पेंटिंग, मूर्तिकला, ग्राफिक्स, स्थापना, वीडियो कला, फोटो कला जैसे सभी प्रकार की समकालीन कला का प्रदर्शन करने के लिए आयोजित किया जाता है। यह आयोजन उज्बेकिस्तान और अन्य प्रतिभागी देशों के कलाकारों के बीच उपयोगी सहयोग के पर्याप्त अवसर भी पैदा करेगा।”
समारोह में बोलते हुए, उज्बेकिस्तान की कला अकादमी के अध्यक्ष, पीपुल्स आर्टिस्ट अकमल नुरिद्दीनोव ने कहा कि ताशकंद इंटरनेशनल बिनाले ऑफ़ कंटेम्पररी आर्ट 2001 से प्रत्येक दो साल में आयोजित किया जा रहा है।
उद्घाटन समारोह के बाद, केंद्रीय प्रदर्शनी हॉल में पोलिश कलाकारों की एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, साथ ही ब्रिटिश कलाकार यूनुस सफ़ार्डी द्वारा युवा कलाकारों के लिए एक मास्टर क्लास भी आयोजित की गई। इसके अलावा, ताशकंद हाउस ऑफ फोटोग्राफी में उज़्बेक और विदेशी फोटो कलाकारों की एक प्रदर्शनी की शुरुआत हुयी।
पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत मंत्रालय के अनुसार, 24 से 28 अक्टूबर के इन पांच दिनों में संयुक्त राज्य अमेरिका, अर्जेंटीना, आर्मेनिया, बांग्लादेश, बेलारूस, बुल्गारिया, ब्राजील, ग्रेट ब्रिटेन, हंगरी, जर्मनी, इज़राइल, स्पेन, इटली, कनाडा, कजाकिस्तान जैसे देशों के कलाप्रेमी यहाँ पधारे हैं। वहीँ किर्गिस्तान, कुवैत, लिथुआनिया, मलेशिया, मिस्र, नीदरलैंड, अजरबैजान, पोलैंड, रूस, रोमानिया, सर्बिया, ताजिकिस्तान, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान, ट्यूनीशिया, फिलीपींस, फ्रांस, चीन, भारत, ईरान के कलाकारों के साथ ही स्थानीय कलाकार अपनी कलाकृतियों को प्रदर्शित कर रहे हैं । इस आयोजन के माध्यम से इन कलाकारों को आपसी संवाद और सहयोग स्थापित करने का अवसर मिलेगा।
ताशकंद इंटरनेशनल बिनाले ललित कला के क्षेत्र में सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए कलाकारों को एक ऐसा खुला मंच प्रदान करता है, जहाँ कलाकार और कलाप्रेमी विभिन्न देशों की आधुनिक रचनात्मक क्षमता से परिचित होते हैं, और समकालीन कला के सामयिक मुद्दों पर चर्चा करते हैं।
बिनाले के क्रम में आयोजित प्रदर्शनियां जहाँ आधुनिक वैश्विक कला का प्रतिनिधित्व करती हैं वहीँ उज़्बेकिस्तान की आधुनिक कला को भी वैश्विक पटल पर प्रस्तुत करती हैं। इस दौरान समकालीन ललित और वैचारिक कला के प्रसिद्ध विदेशी हस्तियों के साथ संवाद, रचनात्मक अनुभव का आदान-प्रदान के कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं। इतना ही नहीं यहाँ दुनिया के लब्ध प्रतिष्ठित वैज्ञानिक संस्थानों के प्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ वैज्ञानिक और व्यावहारिक सम्मेलन भी आयोजित किए गए हैं। इस तरह यह आयोजन कला एवं विज्ञानं का संगम भी बन जाता है।
बताते चलें कि समकालीन कला की यह ताशकंद अंतर्राष्ट्रीय द्विवार्षिकी 28 अक्टूबर 2022 तक जारी रहेगी। इस तरह से देखें तो नौवीं बार ताशकंद में आयोजित यह कार्यक्रम, कलाकारों एवं कला प्रेमियों को एक साथ लाने का कार्य तो करता ही है, विश्व ललित कला के प्रतिनिधियों के बीच एक सेतु का काम करता है; साथ ही इनके बीच रचनात्मक संवाद भी स्थापित कराता है। जिसके माध्यम से उज्बेकिस्तान की समृद्ध कला विरासत दुनिया के सामने आती है।