हिंदी में कला लेखन और पुस्तकें

पिछले महीने जो पुस्तकें प्राप्त हुईं, उनमें से एक है ‘भारतीय चित्रकला का इतिहास’। जिसके लेखक हैं राकेश गोस्वामी। इस पुस्तक को कला महाविद्यालयों के पाठ्यक्रम को ध्यान में रखकर लिखा गया है। पुस्तक में प्रागैतिहासिक काल से लेकर बंगाल स्कूल तक के कला इतिहास की जानकारी संकलित है। पुस्तक के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए इसके संपादक, वरिष्ठ कलाकार एवं सेवानिवृत प्रोफेसर डॉ. श्याम बिहारी अग्रवाल लिखते हैं –

“प्रस्तुत ग्रन्थ की विशेषता है कि इसमें अत्यंत सरल भाषा में भारत के चित्रकला विषयक तथ्यों को बड़े सुदृढ़ और क्रमिक रूप से सहज संबेदय बनाया है । इसमें चित्रकला के सैद्धांतिक पक्षों को भी प्राचीन ग्रंथों के आधार पर स्पष्ट किया गया है। इन ग्रंथों में से चित्रकला विषयक सार तत्व ग्रहण कर लेखक ने हिंदी भाषा भाषियों के लिए चित्रकला का इतिहास सुस्पष्ट किया है। भारत के विभिन्न भू-भागों में बिखरे जिन प्राचीन चित्रों को संग्रहित कर इस पुस्तक में समाहित किया गया है उनकी बड़ी ही विशद व्याख्या तर्क पूर्ण ढंग से प्रस्तुत की गई है ।”

बहरहाल पुस्तक को पढ़ने के बाद अग्रवाल जी के मंतव्य से सहमति बनती भी है। दरअसल देखा जाए तो भारतीय कला इतिहास को समग्रता में किसी एक पुस्तक में संकलित और संग्रहित कर पाना बहुत ही श्रमसाध्य है। क्योंकि सिंधु घाटी से लेकर बंगाल स्कूल की अवधि, लगभग चार से पांच हज़ार साल की बनती है। इस लम्बे कालखंड में ऐसे दशक ही नहीं सदियां भी हैं जिनका ब्यौरा लगभग अनुपलब्ध ही है। सिर्फ सिंधु सभ्यता से लेकर पूर्व मौर्यकाल तक की ही बात करें तो इनके बीच की अवधि लगभग तीन हज़ार वर्ष से अधिक की बनती है। और इस तीन हज़ार वर्ष के बीच के कला इतिहास का कोई पुरातात्विक साक्ष्य आज हमारे पास नहीं है। अलबत्ता कुछ साहित्यिक ग्रन्थ अवश्य मिलते हैं जिनमें कला विषयक चर्चाएं हैं। दूसरी बात यह भी है कि भारतीय उप महाद्वीप के विस्तृत भूभाग के एक ही कालखंड में कई सामानांतर कला परम्पराएं चलती रही हैं। ऐसे में ऐसी किसी पुस्तक की उपादेयता निःसंदेह बढ़ जाती है, जिसे पढ़कर कोई आम पाठक या कला का छात्र अपने कला इतिहास की आरंभिक जानकारी हासिल कर सके। वैसे देखा जाए तो हिंदी में ऐसी किसी पुस्तक की आवश्यकता अरसे से महसूस की जा रही थी, प्रस्तुत पुस्तक इस कमी को अगर पूरा कर पाती है तो इसे लेखक की सफलता मानी जाएगी। अलबत्ता इतना तो कहा ही जा सकता है कि विगत कुछ वर्षों में हिंदी में कला लेखन में कुछ अच्छे प्रयास सामने आ रहे हैं । प्रस्तुत पुस्तक को भी उन्हीं प्रयासों की श्रेणी में रखा जाना चाहिए। इस युवा लेखक को हार्दिक शुभकामनायें ..

पुस्तक: भारतीय चित्रकला का इतिहास
लेखक : राकेश गोस्वामी
संपादक : डॉ. श्याम बिहारी अग्रवाल
प्रकाशक : गोस्वामी पब्लिकेशन एन्ड डिस्ट्रीब्यूटर, प्रयागराज
मूल्य : 520 / रू.

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