व्यक्ति की प्रतिभा ही व्यक्ति की सबसे बड़ी चुनौती साबित हो सकती है यदि उसमें सत्य के प्रति कोई निष्ठा न हो। सिर्फ सत्य का संकल्प ही प्रतिभा को रचना के उस विराट फलक पर ले जाने में सक्षम हो पाता है जिसे हम “प्रज्ञा” कहते है । प्रज्ञा इस जीवन की रचनात्मकता का वह केन्द्रीय बोध है जिसमें ज्ञान, मूल्य, संस्कृति और सौंदर्य अंततः अपनी श्रेष्ठतम अभिव्यक्ति पाते हैं ।
– पद्मश्री डाॅ कपिल तिवारी
पद्मश्री डाॅ कपिल तिवारी एवं अरविन्द ओझा
भारतीय लोक संस्कृति के श्रुति परंपरा में, लोक और आदिवासी समुदाय के विकास तथा उनके कला-साहित्य के संरक्षण और संवर्धन में एक अपूर्व भूमिका निभा चूके, भारत भवन के सदस्य और आदिवासी लोककला के पूर्व निदेशक रहे डॉ कपिल तिवारी आज के वैश्विक समय के उन बहुत थोड़े से मौलिक विचारकों की अग्रिम पंक्ति में खड़े हैं जिनसे भारतीय समकालीन और लोक कला जगत अपनी दशा और दिशा दोनों के लिए बहुमूल्य तत्त्व चिंतन ले सकने में समर्थ हो सकते है । शास्त्रीय ज्ञान परंपरा से लेकर लोक चेतना के आत्यांतिक विमर्शों तक फैली उनकी सहज दार्शनिक दृष्टि रचनात्मक उर्वरता का एक अन्यतम मिसाल है । डॉ कपिल तिवारी के कुशल और सफल नेतृत्व में भोपाल स्थित “आदिवासी कला संग्रहालय” का निर्माण मध्यप्रदेश के नव सांस्कृतिक जागरण की अनवरत श्रृंखला में एक प्रमुख और विशिष्ट योगदान के रूप में देखा जा सकता है। उन्होंने अभी तक लोक संस्कृति से जुड़ी लगभग 40 पुस्तकों का संपादन किया है। पिछले वर्ष “कला और साहित्य” में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए भारत सरकार ने अपने सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मानों में से एक “पद्मश्री” से उन्हें सम्मानित किया ।
डॉ ज्योतिष जोशी, श्री ध्रुव शुक्ल एवं पद्मश्री डाॅ कपिल तिवारी
“विश्वरंग महोत्सव” में सम्मिलित होने का अवसर इस अर्थ में मेरे लिए और अधिक महत्वपूर्ण बन पड़ा क्योंकि डॉ ज्योतिष जोशी और श्री ध्रुव शुक्ल जी के साथ डाॅ कपिल तिवारी के घर जाने, उनसे मिलने और देर तक उनसे बात करने का मेरे लिए व्यक्तिगत अवसर उपलब्ध हो पाया। डॉ कपिल तिवारी के व्यक्तित्व की ओजस्विता और विनम्रता देखने लायक थी। निश्चित रूप से उनकी भारतीय परंपरा और आधुनिकता की गहरी समझ और कला-संस्कृति में व्याप्त उनकी मौलिक चिंताओं की अभिव्यक्ति आज के समय के बड़े सांस्कृतिक विमर्श साबित हो सकते हैं। जरूरत है ऐसे मनीषी पुरुषों को लगातार सुनने और गुनने की और साथ ही उनके साथ एक सीधा संवाद स्थापित करने की।