जय सर की कलम से कुछ विशिष्ट् छात्रों से जुड़ी स्मृतियाँ : संदीप भाटिया Posted onOctober 31, 2021October 31, 2021 प्रो. जयकृष्ण अग्रवाल जी उन वरिष्ठ कलाकारों में से हैं, जो लगभग नियमित तौर पर सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं। उनके लेखन का दायरा …
जय सर की कलम से बीते दिनों की कुछ यादें: लखनऊ सन् 1957-58. Posted onAugust 28, 2021August 28, 2021 मेरे फोटो एलबम से… प्रो. जयकृष्ण अग्रवाल जी उन वरिष्ठ कलाकारों में से हैं, जो लगभग नियमित तौर पर सोशल मिडिया पर सक्रिय रहते हैं। …
जय सर की कलम से लखनऊ के स्टको से नागर जी की इम्पैस्टो पेन्टिंग तक Posted onJuly 17, 2021July 17, 2021 अपने आदरणीय जयकृष्ण अग्रवाल हमारे बीच एक ऐसे कलाविद हैं, जिन्होंने अपनी पीढ़ी से लेकर आजतक के कला जगत के अद्भुत संस्मरण अपनी यादों में …
जय सर की कलम से लेखक,समीक्षक और सांस्कृतिक कर्मी : कृष्ण नारायण कक्कड़ Posted onJuly 14, 2021July 14, 2021 अपने आदरणीय जयकृष्ण अग्रवाल हमारे बीच एक ऐसे कलाविद हैं, जिन्होंने अपनी पीढ़ी से लेकर आजतक के कला जगत के अद्भुत संस्मरण अपनी यादों में …
जय सर की कलम से तितलियों के परों से उड़ान ! Posted onJune 26, 2021June 26, 2021 प्रो. जयकृष्ण अग्रवाल जी उन वरिष्ठ कलाकारों में से हैं, जो लगभग नियमित तौर पर सोशल मिडिया पर सक्रिय रहते हैं। उनके लेखन का दायरा …
जय सर की कलम से मेहर अफरोज़ : लखनऊ आर्ट कालेज की एक ज़हीन छात्रा Posted onJune 17, 2021 बात चाहे सिंधु घाटी सभ्यता की करें या वैदिक सभ्यता की, जिस भूभाग पर यह पनपी और पली उसे आज हम भारत और पाकिस्तान नामक …
जय सर की कलम से ‘ मिट्टी से सृजन ‘ : ज़मीन से जुड़ने का एहसास… Posted onJanuary 14, 2021January 14, 2021 सन् 1956 में लखनऊ के कला महाविद्यालय में पद्मश्री आचार्य सुधीर रंजन ख़ास्तगीर के प्रधानाचार्य पद पर आसीन होने के उपरांत सामयिक आवश्यकताओं के निहित …
जय सर की कलम से संस्मरण : फोटोग्राफी की शुरुआत और अफगान बाक्स कैमरा Posted onDecember 28, 2020December 28, 2020 Afghan Box Camera ( kamra-e-faoree ) was a handmade wooden camera an ‘instant camera used by street photographers was my initial source of inspiration. एक …
जय सर की कलम से सृजनात्मक प्रिंटमेकिंग के प्रारम्भिक दिन, सन् 1963. Posted onDecember 26, 2020December 26, 2020 लखनऊ कला महाविद्यालय में प्रिंटमेकिंग को सृजनात्मक अभिव्यक्ति के माध्यम के रूप में शुरू करने का दायित्व सन् 1963 में मुझे सौंपा गया। उनदिनों मुझे …
जय सर की कलम से संस्मरण : गुफरान किदवई Posted onDecember 21, 2020December 21, 2020 मूर्ति कला विभाग कला एवं शिल्प महाविद्यालय,लखनऊ का स्नातक मुहम्मद गुफरान किदवई मेरा छात्र नहीं रहा था फिर भी मेरे अध्यापन काल में वह एक …