कला दीर्घा ढाकी: एक लुप्त होती परंपरा देश भर में आयोजित होनेवाले नवरात्र उत्सव का एक मुख्य आकर्षण होते हैं पारम्परिक वाद्य वादक भी। कुल्लू के दशहरे की बात करें तो यहाँ …
कला दीर्घा बौद्धिक कल्पना को साकार करती “मिलन शर्मा” Posted onSeptember 30, 2021 अगर आप कलाकार,कला -पारखी या खरीदार हैं। और अच्छे व प्रभावी चित्रों को अपने संग्रह में शामिल करना चाहते हैं । तो इसके लिए आप …
समकालीन कलाकार बारूद से कलाकृति रचता एक कलाकार Posted onSeptember 27, 2021September 27, 2021 पहली नज़र में यूं तो बारूद का रिश्ता युद्ध या ध्वंस से ही जुड़ता नज़र आता है, इससे इतर अगर बात करें तो ख़ुशी या …
समकालीन कलाकार ‘लेट्स गैदर’ : प्रकृति के बीच लौटने का आह्वान Posted onSeptember 20, 2021September 20, 2021 कोरोना ने जिस तरह देश दुनिया की कला गतिविधियों को लगभग ठप्प सा कर रखा था। उसमें तो एक बार को लगने लगा था कि …
कला इतिहास कला-समीक्षा और पूर्वग्रह Posted onSeptember 8, 2021September 8, 2021 -श्री वी. ऐच. भणौत वर्ष 1946में प्रकाशित यह विस्तृत आलेख तत्कालीन कलाजगत की कला-समीक्षा का एक बेहतरीन उदाहरण है।साथ ही यह आलेख उस दौर की …
साक्षात्कार प्रभाकर कोल्टे: जहां कहना सब सुनना है Posted onSeptember 6, 2021 व्यक्त और अव्यक्त के बीच कला का अपना एक रहस्यमयी संसार है। कला व्यक्त होती है निर्मित नहीं होती और यह एकमात्र दृष्टि ही कला …
बात “आबिद” वाले आबिद सुरती Posted onAugust 31, 2021 कहानीकार, उपन्यासकार, चित्रकार, कार्टूनिस्ट, नाटककार आबिद सुरती से अपने हालिया मुलाकात का हाल बयां कर रहे हैं युवा कलाकार अरविन्द ओझा भारत सरकार द्वारा 1993 …
जय सर की कलम से बीते दिनों की कुछ यादें: लखनऊ सन् 1957-58. Posted onAugust 28, 2021August 28, 2021 मेरे फोटो एलबम से… प्रो. जयकृष्ण अग्रवाल जी उन वरिष्ठ कलाकारों में से हैं, जो लगभग नियमित तौर पर सोशल मिडिया पर सक्रिय रहते हैं। …
बात एक पेंटर जो बन गए “बुलबुल-ए-हिन्द” ! Posted onAugust 26, 2021 सिनेमा के होर्डिंग और बिलबोर्ड पेंटर से भारतीय समकालीन कला के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर बन चुके हुसैन यानी मकबूल फ़िदा हुसैन से तो आप परिचित हैं …
समकालीन कलाकार प्रकृति और नारी के बीच संवाद स्थापित करती एना मेंडिएटा Posted onAugust 17, 2021 मैं प्राकृतिक परिदृश्य और नारी शरीर के बीच एक संवाद स्थापित करती हूं (मेरे अपने छाया-आकृति पर आधारित) मैं इस भावना से अभिभूत हूं कि …