संस्मरण: रागिनी उपाध्याय गरेला

लखनऊ कला महाविद्यालय के गौरवशाली इतिहास का एक हस्ताक्षर, समाज से संम्वाद करती एक कलाकत्री लखनऊ के कला महाविद्यालय में सन् 1982 बैच की एक …

मधुबनी पेंटिंग की धरोहर हैं गोदावरी दत्त

मिथिला कला के महत्वपूर्ण कलाकारों पर आलेख के सिलसिले को जारी रखते हुए अशोक कुमार सिन्हा जी इस कड़ी में बयां कर रहे हैं पद्मश्री …

ग्राफिक कला में एक सशक्त हस्ताक्षर : श्याम शर्मा

नवभारत टाइम्स, लखनऊ, 8 मार्च 1988 के अंक में प्रकाशित छापा कलाकार प्रो. श्याम शर्मा पर एक आलेख । विदित हो कि इसी वर्ष श्याम …

रवि बुटालिया :जिसकी परिपक्व सोच ने मुझे बहुत प्रभावित किया…

मेरे लगभग चालीस वर्ष के अध्यापन काल में कितने ही छात्र सम्पर्के में आये किन्तु कुछ एसे भी रहे जो अपनी अमिट छाप छोड़ गये। …

‘ट्रायंगल’ और पटना के तीन उदीयमान चित्रकार

यह वह काल था जब बिहार के कलाकार भारतीय समकालीन कला परिदृश्य में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में जुट गये थे। ललित कला अकादेमी की …

एम. एल. भुगड़ा : प्रिंटमेकर जिसका जुनून था तकनीकी जटिलताओं से जूझना

लखनऊ  कला महाविद्यालय में प्रिंटमेकिंग के प्रारम्भिक दिनों में छात्रों के बीच इस माध्यम के प्रति जिज्ञासा उन्हें हतोत्साहित करने के उपरांत भी बढ़ती गई। …