जैसी प्रीति कुटुम्ब की, तैसी गुरु सों होय..

मुझे यकीन है कि मूर्तिकार मदनलाल से आप भी परिचित होंगे। क्योंकि मदनलाल हमारे समय के एक महत्वपूर्ण मूर्तिकार हैं। वर्ष 1954 में आजमगढ जिले …

कला और आकृति की भाषा

अधिकांश कलाकृतियों में सन्देश रहता है। लेकिन, ये सन्देश संप्रेषित करने के अन्य तरीकों से भिन्न होते हैं, क्योंकि इनके द्वारा संप्रेषित सन्देश चित्ताकर्षक आवरण …

कलागुरू नित्यानंद महापात्रा जी के लीनोकट…

अनेक कलाकार जीवन भर कला साधना में अपना सर्वस्व समर्पित कर देते हैं किन्तु उनके जाने के बाद रह जातीं है शेष केवल स्मृतियाँ। उत्तर …

इतिहास की कलात्मक पुनर्व्याख्या करते आन्सेल्म किफ़र

‘बुद्धि का काम हमें सुनिश्चित करना होना चाहिए; वहीँ कला का काम है कि हमें अनिश्चित बनाये।’ ‘मेरे लिए खंडहर या मलबा एक शुरुआत है। …