लखनऊ आर्ट फेयर 2025 : सिर्फ़ प्रदर्शनी नहीं, कलात्मक जागरण भी

प्रदर्शनी 30 नवम्बर 2025 तक फीनिक्स पलासियो, लखनऊ में प्रदर्शित रहेगी। यह आयोजन लखनऊ और पूरे प्रदेश के कला-प्रेमियों के लिए भारतीय कला  के वैविध्यपूर्ण …

“लखनऊ स्पेक्ट्रम 2025: विविधता और संवेदना का उत्सव”

लखनऊ, 1 नवम्बर 2025: भारत की सांस्कृतिक राजधानी लखनऊ, जहाँ तहज़ीब और रचनात्मकता की परंपरा आज भी जीवंत है, वहीं फीनिक्स पलासियो के साउथ एट्रियम …

कला में निवेश: संस्कृति और संपन्नता का संगम

“लखनऊ स्पेक्ट्रम 2025 आर्ट फेयर” : जहाँ कला, संस्कृति और निवेश मिलकर रचेंगे एक समृद्ध भविष्य कला केवल सौंदर्य का माध्यम नहीं, बल्कि मानव सभ्यता …

लखनऊ स्पेक्ट्रम कला मेला – 2025

देश के प्रतिष्ठित 105 कलाकारों की 350 कलाकृतियाँ होंगी प्रदर्शित फिल्म अभिनेता पंकज झा और तीन राज्यों के पद्मश्री चित्रकारों की कृतियाँ होंगी आकर्षण का …

चित्रकार आनन्द नारायण राष्ट्रीय पुरस्कार से हुए सम्मानित

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी निवासी कलाकार आनन्द नारायण लखनऊ कला महाविद्यालय के पूर्व छात्र हैं । यह प्रदेश के लिए बड़े हर्ष का विषय है …

‘लिमिनल लाइन्स’ : अशोक भौमिक के पचास वर्षों की कला साधना

इन दिनों दिल्ली के ऐतिहासिक बीकानेर हाउस में देश के जाने माने चित्रकार, लेखक अशोक भौमिक जी का रेट्रोस्पेक्टिव प्रदर्शनी शीर्षक ‘लिमिनल लाइन्स’ चल रही …

सामाजिक सरोकारों के शिल्पकार : शिव बालक

कला केवल दृश्य-सौंदर्य प्रस्तुत करने का माध्यम नहीं होती, बल्कि यह समाज के अंतर्विरोधों और मानवीय संवेदनाओं को उजागर करने का एक शक्तिशाली साधन भी …

“अनिल रस्तोगी: महज़ अभिनेता ही नहीं, अनुभव और संवेदनाओं के गहन अन्वेषक”

संवेदनाओं, अनुभवों और जीवन के रंगों का जीवंत चित्रण करने वाले कलाकार रस्तोगी जी के जन्मदिन पर विशेष 2006 में जब मैंने लखनऊ कला महाविद्यालय …

रंगों की पारदर्शिता में जीवन और अध्यात्म : राजेंद्र प्रसाद की कृतियाँ

भारतीय कला इतिहास में बंगाल का पुनर्जागरण एक विशेषअध्याय है I दरअसल भारतीय कला इतिहास का यह एक ऐसा महत्वपूर्ण मोड़ था, जहाँ अवनींद्रनाथ ठाकुर, …