कला दीर्घा बिहाइंड द पीपल : मनुष्य के अधिक निकट है अम्बर की कृतियाँ Posted onDecember 2, 2024 लखनऊ, 30 नवम्बर 2024 I “मैं गूंगा बनकर अभिनय नहीं कर सकता। मैं अपनी आंखों पर पट्टी बांधे धृतराष्ट्र को स्वीकार नहीं कर सकता हूँ; …
समाचार “जलम” जैसे आयोजन के निहितार्थ Posted onJanuary 2, 2023January 2, 2023 जलम यानी “जबलपुर आर्ट एण्ड लिट्रेचर फेस्टिवल-22” में सहभाग के बाद अपने ठिकाने पर अपनी वापसी परसों ही हो चुकी है। किन्तु मन अभी भी …