कलुष का नाश ही है दुर्गापूजा का उद्देश्य

शारदीय नवरात्र को देश के विभिन्न भागों में दुर्गा पूजा के रूप में मनाया जाता है। वैसे देखें तो ईश्वर को माता या नारी के …

विजय सिंह : मूर्त-अमूर्त और अध्यात्म का समीकरण

अपने अजित दूबे जी की विशेष पहचान यूँ तो एक छापा कलाकार व प्राध्यापक की रही है, किन्तु यहाँ वे उपस्थित हैं अजितानन्द के रूप …

एक कलाकार की यायावरी से उपजे शब्द-चित्र

“लेखनी की भाँति ही तूलिका और छिन्‍नी भी घुमक्कड़ी के संपर्क से चमक उठती है। तूलिका को घुमक्कड़ी कितना चमका सकती है, इसका एक उदाहरण …

अमूर्तन की गुत्थी और विवेक निम्बोलकर।

  अमूर्त या अरूप चित्रों को देखते हुए आम दर्शकों की एक सामान्य प्रतिक्रिया रहती है कि कुछ समझ में नहीं आ रहा है। हालांकि …

कला की दुनिया प्रयाग शुक्ल की नजर से

अगर आप भी प्रचलित अवधारणाओं को मान लेने में विश्वास रखते हों तो कह सकते हैं कि हिन्दी या अन्य भारतीय भाषाओं में कला- लेखन …

कला एवं शिल्प महाविद्यालय, पटना और अशोक स्तम्भ का रिश्ता

हम जानते हैं कि हमारा राष्ट्रीय प्रतीक उस अशोक स्तम्भ का शीर्ष है, जो सारनाथ में अवस्थित था। वर्ष 1904-5 में जर्मन मूल के पेशे …